DNA full form Hindi | DNA Ka बारे जानकारी

DNA full form Hindi | DNA Ka बारे जानकारी

क्या आपको पता है कि DNA full form क्या होता है। इस विषय से संबंधित बहूत सारे प्रशन हमें परीक्षा में पूछे जाते हैं। सामान्य जानकारी के हिसाब से भी हमे DNA के बारे में जानकारी होना जरूरी है, क्योंकि हम महीने में एक दो बार तो डीएनए के बारे में अपने आसपास का लोगो से सुनते रहते है। ऐसे में कभी कभी हमारे मन मे भी DNA kya hai ओर DNA ka full form क्या होता है, इससे संबंधित बहूत सारे सवाल हमारे दिमाग में आते हैं। लेकिन अगर आपको डीएनए के बारे में जानकारी नही है, तो कोई बात नही है। आज की पोस्ट में हम आपको DNA full form in hindi के साथ साथ डीएनए के बारे में पूरी जानकर बताने वाले है।

अक्सर किसी व्यक्ति के शरीर की तुलना उसके पूर्वजो से की जाती है। क्योंकि हर इंसान के शरीर की बनावट , कान, नाक, गला, चेहरा, आँखे, आदी की बनावट उसके पूर्वजो से मिलती है। ओर यह सब DNA की वजह से ही होता है। क्योंकि जब एक बच्चे के जन्म होता है , तो उसके माता पिता के गुणसूत्र बच्चे में देखने में मिलते है। ओर यह गुणसूत्र एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर होते रहते है। इसलिए ही हमारे शरीर की बनावट हमारे माता पिता , दादा, दादी ओर नाना, नानी से मिलती है। इन सबके लिए हमारे शरीर मे मौजूद डीएनए जिमेदार होता है।

दुनिया के सभी वैज्ञानिक आज नई नई खोजे करने में लगे हुए है। जब 1953 में DNA की खोज की गई थी , तब यह लोगो के लिए चमत्कार से कम नही था, क्योंकि इससे आपराधिक गतिविधियों में लिप्त व्यक्ति की जांच करके उसके बारे में पता लगाया जा सकता था। और संतान उत्तराधिकारी का भी पता लगाया जा सकता था। काफी सालो की मेहनत के बाद वैज्ञानिकों ने DNA जीन की एडिटिंग करने में सफलता प्राप्त की है। इस पोस्ट में आप DNA kya hai ओर DNA ka full form in hindi के बारे में पूरी जानकारी बताने वाले है।

DNA full form Hindi | DNA के बारे जानकारी
DNA full form Hindi |

DNA full form क्या होता है।

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सामान्य भाषा मे DNA ka full form को Deoxy ribonucleic Acid के नाम से पहचाना जाता है, ओर यह सभी जीवों में आनुवाँशिक गुणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुंचाने का कार्य करते है। DNA की Full form को जानने से पहले डीएनए क्या है, हमारे शरीर मे DNA का क्या कार्य है, DNA test कैसे किया जाता है, क्या DNA में एडिटिंग की जा सकती है, हमे इस सब के बारे में जानकारी होनी चाहिए, जिससे कि हमे बार बार DNA ओर DNA से संबंधित जानकारी सर्च नही करनी पड़े।

DNA ka full form in hindi.

DNA ka full form को Deoxy ribonucleic Acid के नाम से जाना जाता है। हिन्दी भाषा मे DNA full form को डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल के नााम से पहचाना जाता है। DNA का मुख्य कार्य आनुवंशिक गुणों का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर करना है। इसके साथ ही डीएनए हमारे शरीर के लिए प्रोटीन संश्लेषण का काम भी करता है, इसके द्वारा हमे हमारे शरीर के लिये कितना प्रोटीन जरूरी है और किस समय जरूरी है। यह सब कार्य DNA जीन के द्वारा ही किया जाता है ।

बच्चे के जन्म के साथ ही माता पिता के DNA के गुण बच्चे को प्राप्त होते  है। जब बच्चे में डीएनए के गुणों की जांच की जाती है, तो 99.9% प्रतिशत गुण अन्य मनुष्यो की तरह समान होते है, जो हमारे पूर्वजों से मिलते है। सिर्फ 0.01 प्रतिशत डीएनए अलग देखने को मिलता है, जो किस भी अन्य मनुष्यो ओर जीवो से अलग होता है।

हमारे शरीर की हर कोशिकाओं में डीएनए देखने को मिलता है। एक स्वस्थ मनुष्य के शरीर में DNA एक कोशिका में 0.09 माइक्रोमीटर की जगह रोकता है। एक इंसान के शरीर मे इतना डीएनए होता है, की वह पूरी दुनिया के डेटा को स्टोर कर सकता है। लेकिन यह बहूत मुश्किल है, क्योंकि हर रोज लाखो डीएनए के तान्तनुमा अनु खत्म होते रहते है, ओर नई नई कोशिकाओं का निर्माण होता रहता है।

DNA kya hai

डीएनए प्रकृति के सभी जीवों में पाया जाता है। डीएनए को फुल फॉर्म के रूप में डीऑक्सीराइबोज न्यूक्लिक के नाम से पहचान जाता है। इसकी संरचना घुमावदार सीढ़ियों की तरह होती है। यह डीएनए प्ररकृति के सभी जीवों की जीवित कोशिकाओं के केन्द्रक में देखने को मिलता है। एक जीव के शरीर के हर भाग में कोशिकाएं होती है, ओर कोशिकाओं के केन्द्रक में तन्तनुमा अनु होते है, ओर इन अणुओं को ही डीएनए के नाम से जाना जाता है।

मनुष्य के शरीर की कोशिकाओं में पाये जाने वाले तन्तनुमा अणुओं में अनुवांशिक गुण मौजूद होते है। इन्हें डीएनए के आनुवांशिक गुणों के नाम से पहचाना जाता है। यह अनुवांशिक गुण हमारे दादा, दादी, नाना, नानी, ओर मम्मी पापा, के आनुवांशिक गुणों के समान होते है। जब एक बच्चे का जन्म होता है, उसको माता पिता के 23 गुणसूत्र अर्थात DNA प्राप्त होता है। इसलिए माता पिता, दादा दादी, नाना ,नानी के जैसे आँखे, कान, नाक ही नही बच्चे का व्यवहार भी पूर्वजो के समान देखने को मिल सकता है। यह सब DNA द्वारा ही सम्पन होता है।

डीएनए मुख्यत आनुवाँशिक गुणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुचाने का कार्य करता है। ओर हमारे शरीर मे प्रोटोन संश्लेषण की क्रिया को सम्पन करता है। DNA मुख्यत तीन प्रकार का होता है। यहां आपको क सभी प्रकारों की DNA full form के बारे में बताया गया है।

  • A.DNA
  • B. DNA
  • Z. DNA

डीएनए का आविष्कार के बारे में जानकारी

दुनिया मे पहली बार डीएनए की खोज1953 में की गई थी। डीएनए की खोज 2 वैज्ञानिकों जेम्स, ओर फ्रांसिस किक ने काफी सालो की रिसर्च की बाद डीएनए की खोज की। जब DNA की खोज की गई थी, तब यह सरकार और लोगो के लिए किसी चमत्कार से कम नही था । क्योंकि इससे सरकार के लिए अपराधियो की पहचान करना आसान हो गया। सन 1962 में फ्रांसिस किक ओर जेम्स को नोबेल पुरस्कार नवाज गया था।

DNA test कैसे करते है

डीएनए की जांच मुख्यत सरकारी गतिविधियों के लिये ज़्यादा की जाता है। डीएनए टेस्ट के माध्यम से किसी परिवार की अनुवांशिक बीमारियों के बारे में पता लगाया जा सकता है। अगर किसी परिवार में तीन चार सदस्यों में हाथ पैर कंपन होने की बीमारी है, तो डॉक्टर इनके  डीएनए के माध्यम से आनुवंशिक बीमारियों का पता लगाते है, ओर आने वाली नई पीढ़ियों के बच्चो को इस बीमारी को दूर कर सकते है। कभी कभी मनुष्य के डीएनए में परिवर्तन होता तो, ऐसी स्तिथि में डीएनए टेस्ट करना जरूरी होता है जिससे डॉक्टर डीएनए में एडिटिंग करके डीएनए के बढ़ते प्रभाव को रोकते है। इसके अलावा डीएनए टेस्ट के माध्यम से किसी व्यक्ति में भविष्य में आने वाली बीमारी का पता लगाया जा सकता है, ऒर सही समय पर इलाज किया जा सकता है।

चिकित्सा की दुनिया मे डीएनए के कुल 1197 से अधिक प्रकार के टेस्ट होते है। DNA का test करने के लिए आपके शरीर से खून, बाल, गाल की कोशिकाओं, मूत्र आदि का सैंपल लिया जाता है। सैंपल लेने के बाद प्रयोगशाला में इन सैंपल के माध्यम से DNA की रिपोर्ट निकली जाती है। सामान्य DNA का टेस्ट की रिपोर्ट को आने में 20 से 25 दिन तक का समय लगता है। DNA का test करवाने के लिए आपसे 10 हज़ार से 70000 रुपये तक कि फीस ली जाती है।

डीएनए जीन एडिटिंग डिज़ाइनर बेबी के बारे में जानकारी

हमने DNA ka full form के बारे में तो जानकारी प्राप्त कर ली है, लेकिन क्या डीएनए जीन में एडिटिंग करना संभव है। चीन में सन 2010 में दो वैज्ञानिकों ने डिज़ाइनर बेबी के निर्माण किया था। सरकार ने भविष्य में होने वाले नुकशान को देखते हुए इस तकनीक पर रोक लगा दी।  चीन में सन 2012 में जुड़वा बच्चे के भूण को जीन एडिटिंग तकनीक के माध्यम से अलग किया था। वैज्ञानिकों की लगातार खोजो के कारण डीएनए में बदलाव करना संभव है , लेकिन भविष्य में होने वाले खतरों की जानकारी किसी को भी नही है।

अगर कोई माता पिता चाहते है, की उसके बच्चे की आँखे, नाक, गला, चेहरा, सब कुछ किसी फिल्मी हीरो या फिर माता पिता की पसंद के हो, तो यह डीएनए जीन में एडिटिंग करके डिज़ाइनर बाबी को जन्म दिया जा सकता है। बच्चे के जन्म लेने से पहले भूर्ण में ही जीन की एडिटिंग की जाती है, ओर इस तकनीक के माध्यम से मनचाहे बच्चे को जन्म दिया जा सकता है।

समय के साथ धीरे- धीरे डीएनए में भी बदलाव होता रहता है। कुछ वैज्ञानिक रिपोर्ट्स के अनुसार मनुष्य और बंदरो के DNA test करने पर इंसानों ओर बंदरो के DNA में 98 प्रतिसत की समानता देखने को मिलती है। इसलिए मनुष्य के प्राचीन समय मे बंदर होने की बात कही जाती है। कहा जाता है ,की प्राचीन समय मे मनुष्य के पूछ होती थी। धीरे धीरे समय के साथ डीएनए में बदलाव हो गया और मनुष्य के शरीर से पूछ गायब हो गई। यह इस बात का सबूत है , की मनुष्य प्राचीन समय मे बंदर था।

निष्कर्ष

इस पोस्ट में हमने DNA full form के बारे बताया है। डीएनए टेस्ट के माध्यम से हमे भविष्य में होने वाली बीमारियों का पता लगाया जा सकता है, ओर आपराधिक गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों की पहचान की जा सकती है। आज कृषि छेत्र , कानूनी जांचों ओर बीमारियों के निवारण के लिए डीएनए टेस्ट काफी महत्वपूर्ण हो गया है।

हमें परीक्षाओ में भी DNA ka full form in hindi से संबंधित सवाल पूछे जाते है। ऐसे में आपको डीएनए क्या है ओर DNA के बारे में जानकारी होना  जरूरी है। अगर आपके मन मे DNA से संबंधित कोई प्रशन है, तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हो।